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अंतरिक्ष में भारत के महाशक्ति बनने की कहानी, 11 साल में हासिल की ये 5 बड़ी उपलब्धियां

अंतरिक्ष महाशक्ति बनने के सफर में भारत ने लगातार कई मील के पत्थर स्थापित किए हैं.

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रूस, अमेरिका और चीन के क्लब में भारत शामिल हुआ.

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India Space Power: आज भारत ने एंटी सैटेलाइट मिसाइल का सफल परीक्षण कर अंतरिक्ष में वार करने की क्षमता हासिल कर ली. भारत के अंतरिक्ष महाशक्ति बनने की घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को राष्ट्र के नाम अपने संदेश में दिया. भारत ने ‘मिशन शक्ति’ के तहत एंटी सैटेलाइट मिसाइल ‘A-SAT’ से महज तीन मिनट में लाइव सैटेलाइट का मार गिराया. इस तरह अंतरिक्ष में यह सुपरपावर हासिल करने वाला भारत दुनिया का चौथा देश बन गया है. इससे पहले यह ताकत सिर्फ रूस, अमेरिका और चीन के पास है. अंतरिक्ष महाशक्ति बनने के इस सफर में भारत ने इससे पहले भी कई मील के पत्थर स्थापित किए हैं. आइए ऐसे ही पांच बड़े मील के पत्थर के बारे में आपको बताते हैं.

Space: 11 साल में 5 बड़े मील के पत्थर

  • 22 अक्टूबर 2008 को इसरो ने देश का पहला चांद मिशन चंद्रयान-1 सफलतापूर्वक पूरा किया था. इससे पहले सिर्फ छह देश ही ऐसा कर पाए थे.
  • 25 सितम्बर 2014 को भारत ने मंगल ग्रह की कक्षा में सफलतापूर्वक एक अंतरिक्षयान स्थापित किया. इसकी उपलब्धि का अंदाजा इससे भी लगाया जा सकता है कि भारत ऐसा पहला देश था, जिसने पहले ही प्रयास में ही यह उपलब्धि हासिल की हो. इसके अलावा यह अभियान इतना सस्ता था कि अंतरिक्ष मिशन की पृष्ठभूमि पर बनी एक मूवी ग्रेविटी का बजट भी भारतीय मिशन से महंगा था. भारतीय मंगलयान मिशन का बजट करीब 460 करोड़ रुपये (6.70 करोड़ डॉलर) था जबकि 2013 में आई ग्रेविटी मूवी करीब 690 करोड़ रुपये (10 करोड़ डॉलर) में बनी थी. इसरो का मंगल मिशन नासा के मावेन मिशन के खर्च का महज 1वां हिस्सा था.
  • 11 अप्रैल 2018 को इसरो ने नेविगेशन सैटेलाइट IRNSS लॉन्च किया. यह स्वदेशी तकनीक से निर्मित नेविगेशन सैटेलाइट है. इसके साथ ही भारत के पास अब अमेरिका के जीपीएस सिस्टम की तरह अपना नेविगेशन सिस्टम मिल गया.
  • 5 जून 2017 को इसरो ने देश का सबसे भारी रॉकेट GSLV MK3 लॉन्च किया. यह अपने साथ 3,136 किग्रा का सैटेलाइट जीसैट-19 साथ लेकर गया. इससे पहले 2,300 किग्रा से भारी सैटेलाइटों के प्रक्षेपण के लिए विदेशी प्रक्षेपकों पर निर्भर रहना पड़ता था.
  • 14 फरवरी 2017 को इसरो ने पीएसएलवी के जरिए एक साथ 104 सैटेलाइट लांच कर वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया. इससे पहले इसरो ने 2016 में 20 सैटेलाइट एक बार में प्रक्षेपित किया था जबकि विश्व में सबसे अधिक रूस ने 2014 में 37 सैटेलाइट लांच कर रिकार्ड बनाया था. इस अभियान में भेजे गए 104 उपग्रहों में से तीन भारत के थे और शेष 101 इजराइल, कजाखस्तान, नीदरलैंड, स्विटजरलैंड और अमरीका के थे.
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